Google Chrome की छुट्टी तय: अब आया स्वदेशी Browser ‘Comet’

Browser ‘Comet’

भारत में डिजिटल क्रांति के इस दौर में हर दिन नई तकनीकें और नवाचार सामने आ रहे हैं। इंटरनेट ब्राउज़िंग की दुनिया में अब तक Google Chrome का दबदबा रहा है, लेकिन अब इस बादशाहत को चुनौती देने के लिए एक नया खिलाड़ी मैदान में उतर चुका है — Comet Browser। यह ब्राउज़र पूरी तरह से भारतीय तकनीक पर आधारित बताया जा रहा है और इसे Perplexity द्वारा विकसित किया गया है। इससे पहले भारतीय कंपनी Zoho ने Ulaa Browser लॉन्च किया था, जिसने भारतीय यूज़र्स के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की। अब Comet के आने से यह साफ संकेत मिल रहा है कि भारत डिजिटल आत्मनिर्भरता की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।

Comet Browser क्या है?

Comet एक आधुनिक, तेज़ और सुरक्षित वेब ब्राउज़र है जिसे भारतीय डेवलपर्स ने तैयार किया है। इसका उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को एक ऐसा ब्राउज़िंग अनुभव देना है जो न केवल तेज़ हो बल्कि पूरी तरह से सुरक्षित और निजी भी हो। Comet को खासतौर पर उन यूज़र्स के लिए डिज़ाइन किया गया है जो अपनी ऑनलाइन प्राइवेसी को लेकर सजग हैं और नहीं चाहते कि उनकी गतिविधियों को ट्रैक किया जाए।

Comet का इंटरफेस बेहद सरल और आकर्षक है। इसमें आधुनिक डिज़ाइन के साथ-साथ कई ऐसे फीचर्स शामिल किए गए हैं जो इसे Google Chrome, Mozilla Firefox और Microsoft Edge जैसे ब्राउज़र्स से अलग बनाते हैं।

Comet की प्रमुख विशेषताएँ

1. डेटा प्राइवेसी पर फोकस

Comet की सबसे बड़ी ताकत इसकी प्राइवेसी पॉलिसी है। यह ब्राउज़र किसी भी प्रकार की थर्ड पार्टी कुकीज़ का उपयोग नहीं करता और न ही यूज़र्स की ब्राउज़िंग हिस्ट्री को ट्रैक करता है। इसका मतलब है कि उपयोगकर्ता जो भी वेबसाइट विज़िट करते हैं, उनकी जानकारी किसी बाहरी सर्वर पर स्टोर नहीं होती।

2. तेज़ परफॉर्मेंस और हल्का इंटरफेस

Comet को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ किया गया है कि यह कम रैम और प्रोसेसिंग पावर में भी तेज़ी से काम करता है। Chrome की तुलना में यह लगभग 30% कम मेमोरी का उपयोग करता है, जिससे सिस्टम की स्पीड पर कोई असर नहीं पड़ता।

3. बिल्ट-इन AI असिस्टेंट

Comet में एक इनबिल्ट AI असिस्टेंट दिया गया है जो सर्च रिज़ल्ट्स को और स्मार्ट बनाता है। यह यूज़र्स की क्वेरी को समझकर सटीक और संदर्भित जानकारी प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई यूज़र “भारत का सबसे तेज़ ट्रेन कौन सी है” सर्च करता है, तो Comet न केवल उत्तर देगा बल्कि उससे संबंधित नवीनतम अपडेट्स और स्रोत भी दिखाएगा।

4. भारतीय भाषाओं का सपोर्ट

Comet को भारतीय यूज़र्स को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इसमें हिंदी, तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगाली, गुजराती और अन्य भारतीय भाषाओं का सपोर्ट दिया गया है। इससे यह ग्रामीण और गैर-अंग्रेज़ी भाषी यूज़र्स के लिए भी उपयोगी बन जाता है।

5. एड-ब्लॉकर और ट्रैकर ब्लॉकर

Comet में एड-ब्लॉकर और ट्रैकर ब्लॉकर पहले से ही इंटीग्रेटेड हैं। इससे यूज़र्स को अनचाहे विज्ञापनों और ट्रैकिंग स्क्रिप्ट्स से छुटकारा मिलता है।

6. डार्क मोड और कस्टम थीम्स

Comet में यूज़र्स अपनी पसंद के अनुसार थीम्स और कलर स्कीम्स चुन सकते हैं। डार्क मोड के साथ-साथ इसमें “रीडिंग मोड” भी दिया गया है जो लंबे आर्टिकल्स पढ़ने के दौरान आंखों पर कम दबाव डालता है।

Google Chrome को चुनौती क्यों?

Google Chrome लंबे समय से दुनिया का सबसे लोकप्रिय ब्राउज़र रहा है। लेकिन इसके साथ कुछ ऐसी समस्याएँ भी हैं जिनसे यूज़र्स परेशान हैं — जैसे कि भारी सिस्टम उपयोग, डेटा ट्रैकिंग, और लगातार बढ़ते विज्ञापन।

Comet इन सभी समस्याओं का समाधान लेकर आया है। यह हल्का, तेज़ और सुरक्षित है। साथ ही, यह यूज़र्स की प्राइवेसी को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

Chrome की एक और बड़ी कमी यह है कि यह Google के इकोसिस्टम से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसका मतलब है कि यूज़र्स की हर गतिविधि — चाहे वह सर्च हो, ईमेल हो या यूट्यूब — Google के सर्वर पर रिकॉर्ड होती है। Comet इस मॉडल को पूरी तरह बदल देता है।

Comet बनाम Chrome: तुलना

फीचर

Google Chrome

Comet Browser

डेवलपर

Google (अमेरिका)

Perplexity (भारत)

डेटा ट्रैकिंग

हाँ, यूज़र डेटा ट्रैक करता है

नहीं, पूरी तरह प्राइवेसी-केंद्रित

स्पीड

मध्यम, भारी सिस्टम उपयोग

तेज़, हल्का इंटरफेस

AI इंटीग्रेशन

सीमित (Google Assistant)

इनबिल्ट स्मार्ट AI असिस्टेंट

भाषा सपोर्ट

मुख्यतः अंग्रेज़ी

भारतीय भाषाओं का व्यापक सपोर्ट

विज्ञापन नियंत्रण

थर्ड पार्टी एक्सटेंशन की ज़रूरत

इनबिल्ट एड-ब्लॉकर

सुरक्षा

अच्छी लेकिन डेटा शेयरिंग के साथ

उच्च स्तर की सुरक्षा और एन्क्रिप्शन

Comet का भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम पर प्रभाव

Comet का लॉन्च भारत के डिजिटल इकोसिस्टम के लिए एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा प्रयास है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारतीय डेवलपर्स अब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार हैं।

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 80 करोड़ से अधिक हो चुकी है। इनमें से अधिकांश यूज़र्स मोबाइल डिवाइस पर ब्राउज़िंग करते हैं। Comet का मोबाइल संस्करण भी जल्द ही लॉन्च होने वाला है, जो भारतीय यूज़र्स के लिए और भी सुविधाजनक होगा।

Comet के पीछे की तकनीक

Comet को आधुनिक वेब तकनीकों जैसे Chromium इंजन, AI एल्गोरिद्म और मशीन लर्निंग मॉडल्स के संयोजन से बनाया गया है। हालांकि यह Chromium पर आधारित है, लेकिन इसमें Google की कोई भी ट्रैकिंग सर्विस शामिल नहीं की गई है।

इसका AI इंजन यूज़र्स की सर्च आदतों को समझकर उन्हें बेहतर सुझाव देता है, लेकिन यह डेटा केवल डिवाइस पर ही प्रोसेस होता है — किसी सर्वर पर नहीं भेजा जाता

Ulaa और Comet: दो स्वदेशी विकल्प

Zoho द्वारा लॉन्च किया गया Ulaa Browser पहले से ही भारतीय बाजार में मौजूद है। अब Comet के आने से यूज़र्स के पास दो मजबूत स्वदेशी विकल्प हैं। दोनों ब्राउज़र्स का उद्देश्य एक ही है — भारतीय यूज़र्स को सुरक्षित और निजी ब्राउज़िंग अनुभव देना।

Ulaa जहां बिज़नेस और प्रोफेशनल यूज़र्स पर केंद्रित है, वहीं Comet आम यूज़र्स और छात्रों के लिए अधिक उपयुक्त बताया जा रहा है।

Comet के संभावित भविष्य की दिशा

Comet के डेवलपर्स का कहना है कि आने वाले महीनों में इसमें कई नए फीचर्स जोड़े जाएंगे, जैसे कि:

  • वॉयस-बेस्ड सर्च
  • ऑफलाइन रीडिंग मोड
  • क्लाउड सिंकिंग
  • AI-आधारित कंटेंट सारांश

इसके अलावा, कंपनी का लक्ष्य है कि Comet को सरकारी और शैक्षणिक संस्थानों में भी अपनाया जाए ताकि डेटा सुरक्षा को और मजबूत किया जा सके।

भारत की डिजिटल आत्मनिर्भरता की ओर कदम

Comet का लॉन्च केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत की डिजिटल स्वतंत्रता की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज जब दुनिया डेटा सुरक्षा और प्राइवेसी को लेकर चिंतित है, तब भारत का अपना ब्राउज़र होना गर्व की बात है।

सरकार भी “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” अभियानों के तहत ऐसे नवाचारों को प्रोत्साहित कर रही है। Comet जैसे प्रोजेक्ट्स इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

निष्कर्ष

Comet Browser का आगमन भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह न केवल Google Chrome जैसे दिग्गजों को चुनौती देता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि भारतीय डेवलपर्स अब विश्वस्तरीय उत्पाद बनाने में सक्षम हैं।

Comet की तेज़ी, सुरक्षा और प्राइवेसी-केंद्रित दृष्टिकोण इसे आने वाले समय में भारतीय यूज़र्स की पहली पसंद बना सकता है। यदि यह अपने वादों पर खरा उतरता है, तो वह दिन दूर नहीं जब “Google Chrome की छुट्टी तय” यह वाक्य सच साबित हो जाएगा।

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